बदन पर खाकी, हाथ में लाठी, फिर भी परेशान-लाचार

सिर्फ एक लाठी के सहारे पुलिस के लिए जान लड़ाए रहने वाले होमगार्डों का हाल दिहाड़ी मजदूरों की तरह है। एक दिन भी छुट्टी ली तो तनख्वाह कट जाती है। लाठी वाले इस बेचारे शख्स कोई प्राविडेंट फंड नहीं इसे लेकर उनके स्तर से समय-समय पर साप्ताहिक या वैकल्पिक अवकाश की आवाज उठाई जाती है। मगर यह आवाज नक्कारखाने में तूती की मानिंद दबकर रह जाती है।

Source : https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/aligarh/khaki-on-body-stick-in-hand-still-troubled-helpless-city-office-news-ali296390826

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