भोले के प्रिय बेल और उसकी पत्तियों में कमाल के औषधीय गुण
सावन में भोलेनाथ को मनाने की तैयारी भी शुरू हो जाती है। मान्यता है कि सहज और सरल शिव अखाद्य धतूरे, गंगाजल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। उन्हें बेलपत्र भी बहुत पसंद है। इसलिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र भी अर्पित करते हैं। पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ बताते हैं कि बेल में कमाल के औषधीय गुण होते हैं। हालांकि जिले में बेलपत्र का रकबा कुल छह हेक्टेयर है। वन विभाग ने इस बार पौधरोपण में औषधि वाले पौधों के साथ बेल पत्र के पौधे भी रोपे हैं। जिले में सरकारी नर्सरी को छोड़ दें तो निजी नर्सरियों में इस पौधे की मांग न के बराबर है।
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